jaatiwad ka arth Paribhasha or visheshataye जातिवाद का अर्थ परिभाषा और विशेषताएं जातीवाद का अर्थ - जातिवाद जाति प्रथा से ही संबंधित एक गंभीर समस्या है हर जाति में संगठन पाए जाते हैं जिसका कार्य अपनी जाति को सुविधा प्रदान करना है और जाति के हितों की रक्षा करना है और अन्य जाति के हितों की अनदेखी करने लगते हैं और अपनी हैं। ही जाति के सदस्यों को उच्च स्थानो पर प्रगतिशीलत करने का प्रयास करते हैं और पदों में भी अपनी ही जाति के लोगों को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करने का प्रयत्न करे तो इसे हम जातिवाद कहेगे। अत: स्पष्ट है कि जातिवाद अपनी जाति के प्रति घनिष्ठता की भावना है जिसके आधार पर जाति का उत्थान किया जाता है अत: स्पष्ट है कि जातिवाद अपनी जाति के प्रति घनिष्ठता की भावना है जिसके आधार पर जाति का उत्थान किया जाता हैं जातिवाद की परिभाषा - 1. काका कालेलकर के अनुसार - "जातिवाद एक अबाधित अंध और सर्वोच्च समूह भक्ति है जो कि न्याय, ओचित्य, समानता और विश्व बंधुत्व की उपेक्षा करता है।" जातिवाद की विशेषताएं 1. भावनाओं का केंद्रीकरण - जात...