धर्म का अर्थ परिभाषा और विशेषता
Dharm ka artha paribhasha
or visheshata
धर्म -
धर्म धृ धातु से निकला है जिसका अर्थ है धारण करना। धर्म वह है जो हमारे जीवन के उद्देश्यों को स्पष्ट करता है, शरीर, मन और आत्मा को पवित्र बनाता है दैनिक क्रियाओं का संचालन और सामाजिक संबंधों का निर्धारण करता है और सामाजिक कार्यों का बोध करता है।
परिभाषा -
1. टायलर - धर्म अलौकिक की शक्ति विश्वास है।
2. महर्षि कणद - जिससे अभ्युदय (उन्नति) और नि: श्रेयस ((कल्याण) कि सिद्धि हो, उसे धर्म कहता है।
धर्म की विशेषताएं
1. धर्म अलौकिक शक्ति में विश्वास है।
2. धर्म के साथ और पवित्रता और अपवित्रता की आस्था होती है।
3.धर्म आस्था है और धर्म में तर्क का कोई स्थान नहीं है।
4. धर्म में भय का समावेश होता है।
5. धर्म में स्वर्ग नर्क की धारणा होती है।
6. धर्म ग्रंथों की व्याख्या होती है।
7. धर्म के साथ श्रेष्ठ का भाव जुड़ा होता है।
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