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प्रश्नावली का अर्थ परिभाषा और विशेषताएं prashnavali ka arth paribhasha or visheshta

प्रश्नावली का अर्थ परिभाषा और विशेषताएं  prashnavali ka arth paribhasha or visheshta प्रश्नावली का अर्थ  prashnavali ka arth सामाजिक शोध में आधार सामग्री को एकत्र करने के लिए प्रश्नावली एक महत्वपूर्ण प्रविधि हैं। प्रश्नावली बड़ी संख्या में लोगों से अथवा छोटे चुने हुए एक समूह से, जिसके की सदस्य विस्तृत क्षेत्र में फैल हुए होते है,सीमित मात्रा में सूचना प्राप्त करने की एक सुविधाजनक प्रविधि है।  यह व्यय में दूर - दूर से सूचनाओं को एकत्रित करने की एकमात्र प्रविधि है। इस प्रविधि में उत्तरदाता प्रश्नावली के प्रश्नों का उत्तर बिना शोधकर्ता की सहायता से भरता है। यह आधुनिक प्रमुख समाज के शिक्षित उत्तरंधो से उत्तर प्राप्त करने की विधि है, प्रश्नावली प्रश्नों की एक सूची होती है। यह उत्तरदाता बिना शोधकर्ता की सहायता से भरता है। यह सामान्य रूप से डाक द्वारा भेजी जाती है। यह सूचनाकर्ता पुन: डाक द्वारा उत्तरदाता को पत्र है। परिभाषा paribhasha;   * बोगार्ड्स - "प्रश्नावली विभिन्न व्यक्तियों से उत्तर प्राप्त करने के लिए सवाल है कि एक सूची होती है। जिनकेबारिंकार एंव सांख्यि...
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दुल्हन का मेकअप केसे करते हैं dulhan ka makeup kaise karte hain

  दुल्हन का मेकअप केसे करते हैं   dulhan ka makeup kaise karte hain      नमस्ते दोस्तो आज हम दुल्हन का मेकअप केसे करते है यह सीखेगे  विवाह के दिन मेकअप आरम्भ करने से पूर्ण  साड़ी के साथ का ब्लाउज, पेटीकोट पहन ले। ये खराब न होने पाए इसके लिए ऊपर से हाउस कोट पहनना सही रहेगा। सबसे पहले उबटन लगा कर नहा ले। नहाने के पानी में कुछ परफ्युम की बुदे डालने से पूर्ण संपूर्ण  शरीर सुगंधित हो उठेगा। त्वचा  को मुलायम तोलिये से पोछकर टेलकम पाउडर लगाएं।  इससे पसीना नहीं आयेगा। इसके बाद फाउंडेशन को गर्दन से ऊपर की ओर लगाना शुरू करे। फाउंडेशन को बालो, कानों और माथे की रेेेखा  तक लगाये। अब गालों के ऊपरी भाग पर ब्रश द्वारा रूज लगाकर धीरे - धीरे नीचे की ओर मलना चाहिए। रूज लगाने के पश्चात् चेहरे पर फेस पाउडर लगना चाहिए। यदि अपनी भोहें हल्की है तो इन्हे आइब्रो पैंसिल द्वारा गहरा कर ले। पलकों के साथ - साथ बारीक ब्रश द्वारा आइलाइनर लगाए। बाद में दुल्हन के वस्त्रों के अनुसार पलको पर आइशैडो जचता है। इसके अतिरिक्त हरा और सुनहरा आइशैडो भी लगा सकते हैं। होठो...

थ्रेडिंग केसे करें या आइब्रोज केसे बनाए Threading kese kare, eyebrows kese banate hai,

  Threading kese kare, eyebrows kese banate hai,  थ्रेडिंग केसे करे, आइब्रो केसे बैनेट है,    आंखो को सुंदर आकार देने के लिए चेहरे के अनुरूप ही आइब्रो बनानी चाहिए। उन्हें आकार देने के लिए प्रत्येकटी या थ्रेडिंग ही सबसे अच्छी मानी जाती हैं क्योंकि प्रत्येकटी द्वारा बल खींचने से बालों की जड़े मोटी हो जाती है। थ्रेडिंग के दौरान कोई एंटीसेप्टिक या यूडीकोलोन लोशन को लगाना चाहिए।    * यदि थ्रेडिंग करते समय अधिक दर्द हो तो भोले को गुनगुने पानी से गीला कर ले। फिर वैसलीन या कोल्ड क्रीम से एक - दो मिनट मालिश करे, फिर भोहो पर ब्रश करे जिससे बाल व्यवस्थित हो जाए और अनचाहे बाल नहीं दिखाई न दें।  * थ्रेडिंग आंखो के ऊपर नाक के ऊपर के सिरे के पास से शुरू करके आंखो के बाहरी छोर की ओर करना चाहिए। पहले भोहे के सिरों के ऊपरी बाल निकलिये और फिर बीच के नीचे की ओर से.इससे अच्छा प्रभाव आता है। भोहे बहुत घनी नहीं होने चाहिए। ये बीच से थोड़ी घनी धार पर हल्की व थोड़ी झुकी होनी चाहिए। भौहो को चेहरे की बनावट के अनुसार आकार देने से सौंदर्य में वृद्धि होती है।  आप को हमारी...

मुस्लिम तलाक़ के प्रकार muslim talaq ke prakar

 मुस्लिम तलाक के प्रकार   muslim talaq ke prakar मुस्लिम विवाह एक प्रतिबद्धता होने के कारण इसे अस्वीकार भी किया जा सकता है। जिसे तलाक कहते हैं। तलाक़ के प्रकार निम्नलिखित है-  1.   तलाक़: - कोई नहीं भी बालिका और स्वस्थ मस्तिष्क वाला पति अपनी पत्नी को तीन बार 'तलाक़' शब्द बोलकर विवाह - विच्छेद कर सकता हैं। पत्नी की अनुपस्थिति में, नशे की हालत में भी तलाक़ दिया जाता  सकता है।  यह तीन प्रकार का होता है-    अ ) तलाके अहसन, पत्नी के तुहर (मासिक धर्म ) के समय पति द्वारा तलाक़ की घोषणा तथा चार तूहर तक सहवास न करने पर तलाक हो जाता है,  ब )  तलाके - अहसन , तीन तुहरो पर  ( प्रत्येक बार ) तलाक़ की घोषणा तथा दोनों सहवास नहीं करते है।  स )  तलाक़ - उल - बिदत, किसी गवाह या पत्नी की उपस्थित में तीन बार 'तलाक़' शब्द करना।  2 . इला :-  पति खुद को हाजिर - नाजिर करके कसम खाकर अपनी पत्नी के साथ चार महीने तक सहवास नहीं करता है तो स्वत: विवाह विच्छेद हो जाता है।  3 .  जिहर  :- इस तलाक में पति अपनी पत्नी ...

मुस्लिम विवाह कितने प्रकार के होते है muslim vivah kitne prakar ke hote hai

मुस्लिम विवाह कितने प्रकार के होते है  muslim vivah kitne prakar ke hote hai विवाह एक समझौते के रूप में,  मुस्लिम समाज में विवाह एक सामाजिक और धार्मिक प्रतिबद्धता है, न कि धार्मिक प्रतिबद्धता है, न कि एक धार्मिक संस्कार।  मुस्लिम विवाह निकाह कहलाता है जिसका अर्थ होता है- नर - नारी का विषयी समागम।   कपाड़िया के अनुसार -   "इस्लाम में विवाह एक अनुबंध है जिसमें दो गवाहों के हस्ताक्षर होते हैं। इस अनुबंध का प्रतिफल अर्थात 'मेहर' वधु को दी जाती हैं। '    शादी एक अस्थायी बंधन है। विवाह बंधन की प्रकृति के आधार पर मुस्लिम विवाह तीन प्रकार के होते हैं -  1. निकाह या वैध विवाह: -   यह विवाह पूर्ण रीति-रिवाजों और विधि - विधानो के अनुसार किया जाता है। सभी प्रतिबंधो और शर्तों का पालन किया जाता है। पति पत्नी की स्वतंत्र रूप से सहमति से निकाह किया जाता है। यह विवाह सर्वाधिक प्रचलित विवाह है।  सुन्नियों में केवल यही एकमात्र विवाह है। 2. मुताह विवाह: -  जब महिला- पुरुषों के आपसी सहमति से एक निश्चित और विशेष अवधि के लिए वैवाहिक बंधन में बंधे है।...

krishak samaj ki pramukh visheshta कृषक समाज की प्रमुख विशेषताएं

krishak samaj ki pramukh visheshta कृषक समाज की प्रमुख विशेषताएं   कृषक समाज की अवधारणा का अर्थ -                                                     कृषक समाज की संकल्पना को एक अवधारणा के रूप में सबसे पहले विकसित करने का श्रेय मेनटया राबर्ट रेडफील्ड को है।   में उन्होंने मेक्सिको देश के टेपोजलान (tepoztlon) नामक एक ग्राम में कृष्ण समुदाय का अध्ययन किया और एक आधुनिक मानवशास्त्रीय प्रविधि के अनुसार कृषक समुदाय की अवधारणा को प्रस्तुत किया। रेडफ़ील्ड ने 'कृषक' शब्द को इन शब्दों में प्रस्तुत किया है जैसे कि मेरा विचार है कृष्ण में उन लोगों का ही समावेश किया जाना चाहिए जो कम से कम इस बात में समान है कि कृषि उनकी आजीविका का साधन और जीवन विघि है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि कृषक उस व्यक्ति को कहा जाता है जिसे किसी भी भूखंड का स्वामित्व प्राप्त होता है और उस भूमि से उसका नाम भावनात्मक लगाव होता है हम कृषक समाज की अवधारणा का अर्थ स्पष्ट करेंगे। परिभाषाए...

थर्स्टीन वेबलनी के ' दृष्टि आर्कषण उपभोग के नियम tharstin vebalni ke Drashti akarshan upbhog ke niyam

  थर्स्टीन वेबलनी के   '   दृष्टि    आर्कषण उपभोग के नियम    '               '  दृष्टि   आर्कषण उपभोग   के नियम    '            यह नियम उस   पद्धति की   ओर संकेत करता है।   जिसके अनुसार   धनी   विलासी-वर्ग दूसरों को दिखाने के लिए अपने धन की आवश्यकता से अधिक खर्च करते हैं।   इस प्रकार का खर्च धन अपव्यय या बर्बादी ही होता है। कुछ भी हो , धनी विलासी-वर्ग अपने धन का प्रदर्शन भोजन , पोशाक  , निवास स्थान ,  फर्नीचर आदि पर अधिकाधिक व्यय और उनके आवश्यक उपभोग के दूब करते हैं।   इस प्रकार का उपभोग दूसरों की   दृष्टि   को आकर्षित करता है और उसका परिणाम यह होता है कि दूसरों की निगाहों में इस प्रकार का उपभोग करने वालों की प्रतिष्ठा बढ़ जाती है।   दृष्टि  – आकर्षक उपभोग का एक प्रधान   उद्देश्य   अपने सम्मान को बढ़ाना होता है।   मनमानी वस्तुओं का उपभोग स्वयं ही सम्मान ...