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जुलाई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

विवाह का अर्थ परिभाषा और प्रकार vivaha ka artha paribhasha or Parkar

विवाह का अर्थ परिभाषा और प्रकार  vivaha ka artha paribhasha or Parkar विवाह का अर्थ - ' उद्वह ' अर्थात वघू के घर ले जाना । विवाह एक संस्था है । लूसी मेयर - विवाह वह है जिसमें स्त्री - पुरुष का ऐसा योग है,जिसमें स्त्री से जन्मा बच्चा माता- पिता की वैध संतान माना जाए" इस परिभाषा में विवाह को स्त्री व पुरुष के ऐसे संबंधों के रूप में स्वीकार किया गया है जो संतानों को जन्म देते हैं,उन्हें वैध घोषित करते हैं तथा इसके फलस्वरूप माता-पिता एवं बच्चों को समाज में कुछ अधिकार एवं प्रस्थितियांं प्राप्त होती हैं।  विवाह  परिभाषाएं 1. डब्ल्यू.एच.आर.रिवर्स के अनुसार - " जिन साधनो द्वारा मानव समाज यौन संबंधों का नियमन करता है, उन्हें विवाह की संज्ञा भी दी जा सकती है " 2. बोगार्ड्स के अनुसार - "विवाह स्त्री और पुरुष के पारिवारिक जीवन में प्रवेश करने की एक संस्था है  1. ब्रह्म विवाह _ यह विवाह सभी प्रकार के विवाहों में श्रेष्ठ     मान जाता है। मनु ने ब्रह्म विवाह को परिभाषित करते हुए लिखा है  । "वेदों में ज्ञाता शीलवार वर को स्वयं बुल...

जाति jaati

जाति किसे कहते है अर्थ परिभाषा और विशेषता  Jaati kise kahate hai artha paribhasha or visheshata।                                       जाति   जाति -  जाति जात: संस्कृति के शब्द से बना है।             जात: का अर्थ है उत्पन्न होना या पैदा होने से है  परिभाषा   1. मजूमदार एवं मदाम - जाति एक बंद वर्ग है   2. कुले - वर्ग जब पूर्णतया वंशानुक्रम अनुवांशिकता पर          आधारित होता है उसे हम जाति कहते हैं ।   इस परिभाषाओं से यह स्पष्ट है कि - कि जाति एक ऐसा सामाजिक समूह है, जिसकी सदस्यता जन्म पर आधारित है और जो अपने सदस्यों पर खान - पान, विवाह - पेशा और सामाजिक सहवास सम्बन्धी अनेक प्रतिबन्ध लागू करती है । जाति की विशेषताएं -   1. समाज का खंडनात्मक विभाजन - एक जाति के सदस्यों की सामुदायिक भावना संपूर्ण समुदाय के प्रति न होकर अपनी ही जाति तक सीमित होती है ।  प्रत्येक जाति की एक जात...

धर्म Dharm

धर्म का अर्थ परिभाषा और विशेषता Dharm ka artha paribhasha  or visheshata धर्म -         धर्म  धृ  धातु  से निकला है  जिसका अर्थ है धारण करना। धर्म वह है जो हमारे जीवन के उद्देश्यों को स्पष्ट करता है, शरीर, मन और आत्मा को पवित्र बनाता है दैनिक क्रियाओं का संचालन और  सामाजिक  संबंधों का निर्धारण करता है और सामाजिक कार्यों का बोध करता है।  उसे धर्म कहते हैं। परिभाषा - 1. टायलर - धर्म अलौकिक की शक्ति विश्वास है। 2. महर्षि कणद - जिससे अभ्युदय (उन्नति) और नि: श्रेयस ((कल्याण) कि सिद्धि हो, उसे धर्म कहता  है। धर्म की विशेषताएं   1. धर्म अलौकिक शक्ति में विश्वास है।  2. धर्म के साथ और पवित्रता  और अपवित्रता की आस्था होती है।  3.धर्म आस्था है और धर्म में तर्क का कोई स्थान नहीं है।   4. धर्म में भय का समावेश होता है।  5. धर्म में स्वर्ग नर्क की धारणा होती है।  6. धर्म ग्रंथों की व्याख्या होती है।  7. धर्म के साथ श्रेष्ठ का भाव जुड़ा होता है।        ...

महारानी विक्टोरिया के घोषणा पत्र का महत्व ( Maharani Victoria ka Ghoshna Patra ka mahatva)

महारानी विक्टोरिया के घोषणा पत्र का महत्व     महारानी विक्टोरिया के घोषणा पत्र का महत्व                                                    - 1857 के विद्रोह के पश्चात् महारानी  विक्टोरिया ने एक घोषणा पत्र जारी किया।                                                महारानी विक्टोरिया महारानी विक्टोरिया के घोषणा पत्र का महत्व     महारानी विक्टोरिया   का यह घोषणा प्रमाण पत्र उदारता से परिपूर्ण था और भारत के राष्ट्रीय वैधानिक विकास में यह एक विशिष्ट स्थान रखता है। यह घोषणा की संभावना: 60 वर्षो 1917 तक  ब्रिटिश सरकार की भारत संबंधी नीति का मूल आधार बना रहा था।   ईश्वरी प्रसाद के अनुसार इस घोषणापत्र में भारतीयों की कई आशंकाओं का निवारण किया गया जिसमें भारतीय राज्य संरक्षित हो गए  डलहौजी की साम...

आश्रम व्यवस्था ( Ashram vyavastha )

आश्रम व्यवस्था क्या    अर्थ, परिभाषा और इसके प्रकार है    Aasharm vyavastha kya hai artha    Paribhasha or  prakar आश्रम व्यवस्था                        ब्रह्मचार्य गृहस्थ, वानप्रस्थ, और सन्यास ये चार आश्रम कहलाते हैं श्रम जीवन को सफल बनाने के कारण आश्रम कहा जाता है धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष इन चार पदार्थों की प्राप्ति के लिए चार आश्रमों का सेवन सब मनुष्य के लिए उचित है।                            आश्रम का अर्थ:                       आश्रम शब्द श्रम धातु से बना है जिसका अर्थ होता है। परिश्रम करना या उधोम (उत्पादन) करना से अर्थात् आश्रम का तात्पर्य ऐसी क्रिया स्थल से है जहाँ कुछ दिनसमय ठहर कर व्यक्ति माध्यम से उधम करता है।                       आश्रम का शाब्दिक अर्थ की दृष्टि से कहा ज...