सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

दुल्हन का मेकअप केसे करते हैं dulhan ka makeup kaise karte hain

  दुल्हन का मेकअप केसे करते हैं 

 dulhan ka makeup kaise karte hain 

   
नमस्ते दोस्तो आज हम दुल्हन का मेकअप केसे करते है यह सीखेगे 
विवाह के दिन मेकअप आरम्भ करने से पूर्ण  साड़ी के साथ का ब्लाउज, पेटीकोट पहन ले। ये खराब न होने पाए इसके लिए ऊपर से हाउस कोट पहनना सही रहेगा। सबसे पहले उबटन लगा कर नहा ले। नहाने के पानी में कुछ परफ्युम की बुदे डालने से पूर्ण संपूर्ण  शरीर सुगंधित हो उठेगा। त्वचा  को मुलायम तोलिये से पोछकर टेलकम पाउडर लगाएं। 
इससे पसीना नहीं आयेगा। इसके बाद फाउंडेशन को गर्दन से ऊपर की ओर लगाना शुरू करे। फाउंडेशन को बालो, कानों और माथे की रेेेखा 
तक लगाये। अब गालों के ऊपरी भाग पर ब्रश द्वारा रूज लगाकर धीरे - धीरे नीचे की ओर मलना चाहिए। रूज लगाने के पश्चात् चेहरे पर फेस पाउडर लगना चाहिए। यदि अपनी भोहें हल्की है तो इन्हे आइब्रो पैंसिल द्वारा गहरा कर ले। पलकों के साथ - साथ बारीक ब्रश द्वारा आइलाइनर लगाए। बाद में दुल्हन के वस्त्रों के अनुसार पलको पर आइशैडो जचता है। इसके अतिरिक्त हरा और सुनहरा आइशैडो भी लगा सकते हैं।
dulhan ka makeup kaise karte hain   Bride Ka makeup kese kare , dulhan Ka makeup  Dulhan ko kese sajaye,


होठों की लिपब्रश द्वारा बाहर रेखा बनाते हुए उसमें लिपस्टिक लगा ले। लिपस्टिक का रंग वधु के वस्त्रों से मेल खाता होना चाहिए। अंत में माथे पर चेहरे के अनुसार (जैसे जचे )  बिंदी शोभा देती हैं। माथे को सजाने के लिए भोहोे के ठीक अर्धचंद्राकार में छोटी - छोटी बिंदियो की रेखा खींच देनी चाहिए। जो बड़ी बिंदी के नीचे आपस में मिल जाती हैं। लिपस्टिक माथे के मेकअप के बाद लगानी चाहिए। पहले हलके रंग की लिस्टिक लगाए और बाद में गहरे रंग की। लिपस्टिक लगाने के पश्चात् उस पर लिप - ग्लास लगाए। संपूर्ण मेकअप के पश्चात् चेहरे पर एस्ट्रीजेंट लोशन लगाना अच्छा रहता है, इससे मेकअप अधिक देर तक स्थिर रहता है। हथेली, कान, अगल - बगल में परफ्युम लगाकर वातावरण को महका दे। 



आप इसे भी पढ़िए 








टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भारतीय ग्रामीण समुदाय की विशेषताएं bhartiya gramin samuday ki visheshta

भारतीय ग्रामीण समुदाय की विशेषताएं bhartiya gramin samuday ki visheshta प्रत्येक समाज का निर्माण विभिन्न इकाइयों के योग से होता है। यह इकाइयां एक दूसरे से संबंधित होती है। समाज के व्यवहार संबंधी प्रति मनुष्य की समझ के लिए इस इकाइयों का अध्ययन अत्यंत आवश्यक होता है। भारत ग्रमो का देश है, जहां प्रत्येक गांव की पहली भौगोलिक, परिस्थितियाँ हैं। यहां संरचना की दृष्टि से अधिक कई प्रकार के गांव पाए जाते हैं, जिनकी नैतिक पृष्ठभूमि, भाषा, विचार व व्यवहार की पद्धति भी एक दूसरे से भिन्न होती है। भारतीय ग्रामों के ढांचे को समझने के लिए उन इकाइयों का विवेचन आवश्यक है जिनके आधार पर ग्रामीण समाज व्यवस्थित है।   भारतीय ग्रामीण समुदाय की विशेषताएं   भारत ग्रामो का देश है जिसके अधिकांश जनसंख्या गांव में निवास करते हैं।   विशेषताएं -     1. संयुक्त परिवार -  संयुक्त परिवारों में यहां पति- पत्नी व बच्चों के परिवार की तुलना में ऐसे परिवार अधिक पाए जाते हैं। जिनमें तीन या अधिक पीढ़ियो के सदस्य एक  स्थान पर रहते हैं। इनका भोजन संपत्ति और पूजा- पाठ का साथ साथ हो...

आत्महत्या का सिद्धांत aatmhatya ka sidhant

दुर्खीम का आत्महत्या का सिद्धांत aatmhatya ka sidhant     आत्महत्या के सिद्धांत के प्रतिपादक में दुर्खीम का स्थान सर्वोपरि है इसका कारण यह है कि दुर्खीम ने आत्महत्या के सिद्धांत का प्रतिपादक सामाजिक परिवेश में किया है।  दुर्खीम पहला समाजशास्त्री है, जिसने आत्महत्या के सिद्धांतो  का प्रतिपादन समाजशास्त्री संदर्भ में किया है।  दुर्खीम में अपनी "The suicide" पुस्तक में किया है। इस पुस्तक का प्रकाशन 1897 में हुआ था।    परिभाषा दुर्खीम -    आत्महत्या अपनी इच्छा से जानबूझकर आत्महनन की क्रिया है।   दुुर्खीम के आत्महत्या का सिद्धांत का निष्कर्ष -     1. आत्महत्या की संख्या जनसंख्या की दृष्टि से प्रतिवर्ष लगभग एक समान रहती है।  2. आत्महत्याएं सर्दियों की अपेक्षा गर्मियों में अधिक होती है।  3. आत्महत्याएं स्त्रियों की अपेक्षा पुरुषो द्वारा अधिक होती है। 4 . जहां तक आयु का संबंध है कम आयु में आत्महत्याएं कम होती है और अधिक आयु में अधिक होती हैं।  5. ग्रामीण जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या की तुलना में आत्महत्या की दर निम्न...

विवाह का अर्थ परिभाषा और प्रकार vivaha ka artha paribhasha or Parkar

विवाह का अर्थ परिभाषा और प्रकार  vivaha ka artha paribhasha or Parkar विवाह का अर्थ - ' उद्वह ' अर्थात वघू के घर ले जाना । विवाह एक संस्था है । लूसी मेयर - विवाह वह है जिसमें स्त्री - पुरुष का ऐसा योग है,जिसमें स्त्री से जन्मा बच्चा माता- पिता की वैध संतान माना जाए" इस परिभाषा में विवाह को स्त्री व पुरुष के ऐसे संबंधों के रूप में स्वीकार किया गया है जो संतानों को जन्म देते हैं,उन्हें वैध घोषित करते हैं तथा इसके फलस्वरूप माता-पिता एवं बच्चों को समाज में कुछ अधिकार एवं प्रस्थितियांं प्राप्त होती हैं।  विवाह  परिभाषाएं 1. डब्ल्यू.एच.आर.रिवर्स के अनुसार - " जिन साधनो द्वारा मानव समाज यौन संबंधों का नियमन करता है, उन्हें विवाह की संज्ञा भी दी जा सकती है " 2. बोगार्ड्स के अनुसार - "विवाह स्त्री और पुरुष के पारिवारिक जीवन में प्रवेश करने की एक संस्था है  1. ब्रह्म विवाह _ यह विवाह सभी प्रकार के विवाहों में श्रेष्ठ     मान जाता है। मनु ने ब्रह्म विवाह को परिभाषित करते हुए लिखा है  । "वेदों में ज्ञाता शीलवार वर को स्वयं बुल...